ज्योतिषशास्त्र के अनुसार राहु को पाप ग्रह माना गया है। राहु के अशुभ स्थान में होने पर यह जातक को अत्यंत परेशान करता है। राहु के नीच स्थान में होने के कारण जीवन में आए कष्टों का निवारण लाल किताब में दिए गए इन उपायों से करें -:
केवल कष्टदायक नहीं है राहु : भाग्यदायक भी है…
- यदि कुंडली में राहु तीसरे भाव में बैठा है तो उसे शांत करने हेतु ध्यान रखें कि घर में किसी भी जानवर की चमड़ी न रखें।
- ज्योतिषियों के अनुसार अगर तीसरे भाव में राहु की पीड़ा शांत करनी हो तो जातक चांदी के आभूषण धारण करे एवं 400 ग्राम धनिया या बादाम बहते जल में प्रवाहित करें।
- यदि पांचवें भाव में राहु अशुभ फल दे रहा है तो अपने पास हाथी की मूर्ति रखें और मास-मदिरा का त्याग करें।
- छठे भाव में राहु की पीड़ा शांत करने के लिए घर में काला कुत्ता रखें एवं भाई-बहन से झगड़ा न करें।
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- ग्यारहवें भाव में राहु हावी हो रहा है तो जातक लौह-धातु धारण करे और किसी से भी कोई विद्युत उपकरण उपहार में ग्रहण न करें।
- अगर लाल किताब कुंडली में राहु बारहवें भाव में होने के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है तो सोने से पहले तकिये में सौंफ और खाण्ड रखने की सलाह दी जाती है।